हजारीबाग: सीबीएसई 10वीं के रिजल्ट जारी होते ही देशभर के स्कूलों में बवाल शुरू हो गया है. सदर प्रखंड के हुपाद गाँव में सी के फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित न्यू हजारीबाग पब्लिक स्कूल ने अपने छात्रों का रिजल्ट ख़राब किया. अभिभावकों और छात्रों का आरोप है कि स्कूल की ओर से मनमानी तरीके से नंबर दिए गए हैं, जिसे सीबीएसई ने आंख मूंदकर रिजल्ट जारी कर दी है.
आखिर क्या है मामला
छात्रों का आरोप है कि स्कूल ने रिजल्ट बनाने में भेदभाव किया है. छात्रों का कहना है की जिन लोगों ने उनके स्कूल में 11वीं में रिजल्ट आने से पहल्रे नामांकन नहीं करवाया उनका रिजल्ट स्कूल प्रबंधन ने ख़राब कर दिया.
प्री-बोर्ड रिजल्ट दिखाने से स्कूल ने किया मना
न्यू हजारीबाग पब्लिक स्कूल / माउंट एग्मोंट स्कूल ने सीबीएसई 10वीं बोर्ड में छात्रों को मनमाने ढंग से अंक दिए. बहुत सारे बच्चों का रिजल्ट भी उन्होंने खराब किया जब अभिभावकों ने 10वीं प्री-बोर्ड रिजल्ट दिखाने को कहा तो स्कूल ने इनकार किया कर दिया. आखिर स्कूल को किस बात की परेशानी है ?
स्कूल में नामांकन के लिए शिक्षक कर रहे थे मार्केटिंग
जब तक 10वीं बोर्ड के परिणाम घोषित नहीं हुए और स्कूल द्वारा छात्रों का रिपोर्ट सीबीएसई को नहीं भेजा गया था तब तक बाकायदा शिक्षकों द्वारा दिन हो या रात अभिभावकों पर जोर दिया जा रहा था कि आप अपने बच्चों का नामांकन हमारे ही स्कूल में करवा लीजिये, जब अभिभावकों द्वारा बोला गया की अभी हमने या मेरे बच्चें ने ये निर्णय नहीं लिया है कि आगे किस चीज की पढ़ाई करनी है या कुछ टेक्निकल पढाई करनी है.
शिक्षकों द्वारा दिया जा रहा था प्रलोभन
स्कूल प्रबंधन से प्राप्त अनुमति से शिक्षकों द्वारा अभिभावकों के घर जाकर बाकायदा प्रलोभन दिया जाता रहा है कि आप अपने बच्चें का नामांकन हमारे स्कूल में ही करवा लीजिये, आपका बच्चा काफी तेज़ है पढ़ने में, परंतु जब इनके अतिरिक्त दवाब और प्रलोभन को अभिभावक ने नकार दिए तो शिक्षक द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा गया कि जब रिजल्ट आएगा तो आप सभी रोने लग जाओगे, अब चूंकि रिजल्ट घोषित किया जा चूका है तब इनकी बातों की सच्चाई पता चल रही है.
स्कूल की प्रबंधक का घटिया टिप्पणी, बताया मेरा स्कूल का नाम ही एक ब्रांड है !
न्यू हजारीबाग पब्लिक स्कूल / माउंट एग्मोंट स्कूल ने जब सीबीएसई 10वीं बोर्ड में बच्चों का रिजल्ट खराब किया और इस संबंध में जब अभिभावक ने स्कूल की महिला प्रबंधक से कहा की आपने मेरे बच्चों का रिजल्ट खराब किया हम अपने बच्चे का नामांकन कहीं और कैसे करवाएंगे ?
तो महिला प्रबंधक द्वारा जवाब दिया गया कि मेरा स्कूल का नाम ही एक ब्रांड है अगर इस स्कूल का कोई बच्चा पान दुकान भी खोलता है तो वह सक्सेस ही करेगा !
स्कूल प्रबंधक की इतनी घटिया टिप्पणी उनके स्कूल के शिक्षा के स्तर को बयां करता है, अभिभावक द्वारा कहा गया जब हमें अपने बच्चों को पान दुकान ही खुलवाना है तो हम आपके स्कूल में नामांकन क्यों करवाएंगे ?
आखिर प्राइवेट स्कूल की ओर अभिभावक क्यों जाते है? …बेहतर शिक्षा के लिए पर ऐसा जवाब !
स्कूल की प्रबंधक की मनमानी
रिजल्ट से जुड़े मुद्दे को लेकर हमारे संवाददाता ने जब छात्र से बात किया तो छात्रों कहना है कि कई ऐसे छात्र है जो पढ़ने में कमजोर रहें है परंतु स्कूल की गलत नीतियों और दोहरे मापदंड की वजह से आज उनका रिजल्ट काफी बेहतर आया है. स्कूल की इस अविवेकशील कार्य की वजह से उसने कुछ छात्रों के भविष्य को अंधकार की ओर धकेलने का ही काम किया है. ये तो सरासर मनमानी है.
संवाददाता ने स्कूल का पक्ष जानने के लिए स्कूल के वेबसाइट पर दिए गए नंबर (06546-264769) पर कॉल किया तो नंबर ही गलत बताया गया.
सूत्रों से ये भी जानकारी मिली है कि शिक्षकों के मीटिंग में सारे स्टाफ (जो शिक्षण कार्य से जुड़े है ) को प्रबंधक द्वारा सख्त हिदायत दिया गया की इस मामलें को आगे ना बढ़ाये अब स्कूल द्वारा गलती तो हो ही गई.
गरीब और सीधे-साधे ग्रामीणों को मुर्ख बना रहा है स्कूल
अब जब ये तथाकथित ‘ब्रांड’ शहर से दूर ग्रामीण परिवेश में स्कूल चला रहा है तो ये अपनी मनमानी भी करेगा तो इसके विरुद्ध गरीब और सीधे ग्रामीण क्या अपनी बात रख पाएगा. पहले भी छोटे-मोटे मामलों को लेकर जब स्कूल पर कोई आरोप या अभिभावकों के द्वारा शिकायत किया गया तो इन्होने सारा दोष अन्य शिक्षकों या छात्रों के ऊपर ही डाल दिया.
नोट: न्यू हजारीबाग पब्लिक स्कूल, हुपाद में 10वीं तक की पढ़ाई होती है परंतु एग्जाम सम्बंधित सारे कार्य माउंट एग्मोंट स्कूल, हजारीबाग के माध्यम से करवाई जाती है. दोनों स्कूल एक ही संस्थान के द्वारा संचालित किया जा रहा है.
ख़बर लिखे जाने तक स्कूल से संपर्क नहीं हो पाया है जैसे ही संपर्क होगा वैसे ही उनके पक्ष को भी यहाँ अपडेट कर दिया जाएगा.