पीएम नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत कर दी है। इसके तहत हर नागरिक के पास हेल्थ आईडी होगी। अगर आप अभी चाहते हैं तो घर बैठे अपनी हेल्थ आईडी जेनरेट कर सकते हैं, वह भी बिल्कुल मुफ्त। बता दें यह कार्ड पूरी तरह से डिजिटल है, जो देखने में आधार कार्ड की तरह ही है। इस कार्ड पर आपको एक नंबर मिलेगा, जैसा नंबर आधार में होता है। योजना की घोषणा होते ही गूगल प्ले स्टोर पर NDHM हेल्थ रिकॉर्ड (पीएचआर ऐप्लीकेशन) उपलब्ध हो गया है।
डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड बनाने का तरीका
सबसे पहले आप https://healthid.ndhm.gov.in/register पर जाएं। यहां Genrate Via Aadhaar पर क्लिक या टैप करें।
अब आपके सामने एक नया पेज खुलेगा और इसमें अपना आधार नंबर डालें। इसके बाद आपके इस आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा। इसे डालकर सबमिट करें।
इसके बाद एक और पेज खुलेगा, जिसमें अपना मोबाइल नंबर आपको डालना है। इसको डालते ही फिर एक ओटीपी आएगा। अब इस ओटीपी को डालकर सबमिट करें।
इतना करते ही आपके अधार से जुड़े डिटेल आपकी स्क्रीन पर होंगे। आपकी फोटो से लेकर नंबर तक। अब इस पेज पर थोड़ा नीचे आएं। यहां आप अपनी हेल्थ आईडी, जैसा कि मेल आईडी बनाते हैं, बनाएं। नीचे वाले बाक्स में अपनी मेल आईडी डाले। सबमिट करें।
अब आपका हेल्थ कार्ड यूनीक आईडी के साथ डाउनलोड के लिए तैयार है। अब इसे डाउनलोड कर लें।
बता दें जिनके पास मोबाइल नहीं है, वे रजिस्टर्ड सरकारी-निजी अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, वेलनेस सेंटर और कॉमन सर्विस सेंटर आदि पर कार्ड बनवा सकेंगे। वहां सामान्य सी जानकारियां पूछी जाएंगी। जैसे नाम, जन्म की तारीख, संपर्क आदि।
यूनीक हेल्थ कार्ड के फायदे
कार्ड के जरिए आपके स्वास्थ्य से संबंधित पूरी जानकारी डिजिटल फॉर्मेट में दर्ज होती रहेगी। पूरी मेडिकल हिस्ट्री अपडेट होगी। ऐसे में जब आप किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएंगे, तो आपको पुराने सभी रिकॉर्ड वहीं डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएंगे। अगर आप किसी दूसरे शहर के अस्पताल भी जाएं तो वहां भी यूनीक कार्ड के जरिए डेटा देखा जा सकेगा। इससे डॉक्टरों को आपका इलाज करने में आसानी होगी। इसके साथ ही कई नई रिपोर्ट या प्रारंभिक जांच आदि में लगने वाला समय और खर्च बच जाएगा।