सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड पंचायत चुनाव में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. सर्वोच्च अदालत में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने अपने पहले के आदेश के आलोक में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया है. बता दें कि पंचायत चुनाव को लेकर झारखंड में प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल करने के बाद प्रचार कार्य भी शुरू कर दिए हैं.
झारखंड पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज करते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा कि चूंकि राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसलिए अदालत इसमें फिलहाल कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी. कोर्ट ने आगे कहा कि भविष्य में होने वाले चुनाव के लिए ट्रिपल टेस्ट कराकर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी की ओर से याचिका दायर की गई थी. झारखंड में चार चरणों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं, लेकिन इसमें ओबीसी को आरक्षण नहीं दिया गया है. ओबीसी आरक्षण को लेकर ही उन्होंने याचिका दायर की थी.
बता दें कि सरकार ने सदन में इस बात को साफ कर दिया था कि फिलहाल ट्रिपल टेस्ट करा कर चुनाव कराना संभव नहीं है, क्योंकि चुनाव न होने से गांव का विकास कार्य प्रभावित हो रहा है. तब उन्होंने ओड़िशा, तमिलनाडु और बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा था कि वहां पर बिना ट्रिपल टेस्ट के चुनाव कराये गये. उन्होंने कहा था कि इसके लिए अलग कमेटी बनेगी.
हालांकि चौक-चौराहों पर मामले को लेकर बाजार गर्म है. जिम्मेवार लोग इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. इधर, प्रशासनिक अधिकारी अपने स्तर से पूरी तरह चुनाव में जुटे हुए हैं. वहीं तीसरे चरण के लिए नामांकन खत्म हो गया है.
चार चरणों में होना है चुनाव
राज्य में चार चरणों में पंचायत चुनाव होंगे. पहले चरण का चुनाव 14 मई, दूसरे चरण का चुनाव 19 मई, तीसरे चरण का 24 मई और चौथे चरण का चुनाव 27 मई को होना है. पहले और अंतिम चरण में 72-72 प्रखंडों में चुनाव होंगे. दूसरे चरण में 50 और तीसरे चरण में कुल 70 प्रखंडों में चुनाव होंगे. 17 मई से तीन चरणों में मतगणना होगी. चुनाव बैलेट पेपर पर कराये जायेंगे. राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद 9 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने झारखंड पंचायत चुनाव की आधिकारिक घोषणा की थी.