Waterways Conclave 2022: जलमार्गों के माध्यम से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी

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नई दिल्लीः भारत सरकार के बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के सहयोग से 11-12 अप्रैल को असम के डिब्रुगढ़ में वॉटरवेज़ कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन कर रहा है। प्रधानमंत्री के गतिशक्ति नेशनल मास्टरपलान से प्रेरित यह सम्मेलन उत्तरपूर्वी क्षेत्र में मल्टीमॉडल परियोजनाओं के विकास को गति प्रदान कर आर्थिक गतिविधियों एवं रोज़गार सृजन को बढ़ावा देगा। यह सम्मेलन साझेदारियों के माध्यम से द्विपक्षीय कारोबार और निवेश को प्रोत्साहित करेगा। जलमार्ग क्षेत्र में देशों के बीच आपसी सहयोग के लिए नई संभावनाएं विकसित होंगी। फिक्की और आईसीसी इस दो दिवसीय सम्मेलन के लिए ओद्यौगिक साझेदार हैं।

श्री सरबंदाना सोनावाल, माननीय बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री और आयूष, भारत सरकान; श्री नितिन गड़करी, माननीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार तथा असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ हिमंता बिस्वा शर्मा इस मौके पर मौजद रहेंगे और 12 अप्रैल को उद्घाटन सत्र के दौरान सभा को सम्बोधित करेंगे। श्री नकप नालो,े, माननीय पर्यर्टटन, परिवहन एवं नागरिक विमानन मंत्रंत्री, अरूणाचल प्रद्रदेश्ेश सरकार, उत्तर-पवूवूवूर्वू ी राज्यों ें के मुख्ुख्य मंत्रंत्री, डॉ राजकुमुमार रंजंजन सिंहंह, माननीय राज्य मत्रंत्रं ी, विदेश्ेश मामलों ें के मत्रंत्रं ालय, भारत सरकार; श्री श्रीपद नायक, बंदंदरगाह, नौवैवहन एवं जलमार्ग मंत्रंत्री, भारत सरकार; श्री शातंतंतंतं नु ठाकुरुरुरुर, माननीय बंदंदरगाह, नौवैवहन एवं जलमार्ग मंत्रंत्री, भारत सरकार; श्री लिओनेनपो लोकेकनाथ शर्मार्,, आर्थिर्कक मामलों ें के माननीय मंत्रंत्री, भूटूटान सरकार, श्री खालिद महमूदूद चौध्ैधरी, माननीय नौवैवहन मत्रंत्रं ी, बांग्ंग्लादेश्ेश सरकार भी सम्मेलेलन को सम्बोेिधित करेंगेंगे।े।

वॉटॅटरवेजेज़ कॉन्ॅन्क्लेवेव 2022 जलमार्ग प्रणाली से जुड़े विभिन्न हितधारक जसै े नीति निर्माता, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, घरेलु एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशक, क्षेत्र विशेषज्ञ, बुनियादी सुविधाओं से जुड़े विशेषज्ञ, जहाजों के मालिक और संचालक, क्रूज़ पर्यटन उद्योग के प्रतिनिधी, कार्गो यात्री, बड़े बंदरगाहों के प्रतिनिधि तथा भारत के समुद्री राज्यों से सरकारी प्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। दोनों दिनों के दौरान दिग्गज प्रवक्ता सभा को सम्बोधित करेंगे। सम्मेलन के दौरान विशेष सत्रों का आयोजन किया जाएगा।

11 अप्रैल को प्लेनेनेरेरी सत्र 1ः जलमार्ग के माध्यम से क्षेत्रेत्रीय कनेेिक्टिविटी का आयोजन होगा। इसमें मुख्य प्रवक्ता होंगे श्री संजीव रंजन, सचिव, बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, श्री संजय बंदोपाध्याय, चेयरमैन भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण। इसके बाद ब्रेक्र्रेेकआउट टेकेकनिकल

सत्र 1ः इनलेण्ेण्ड वैसैसल्स, वित्त एवं निर्माणर््ण पर फोकेकस का आयोजेजन होगेगा। प्लेनेनेरेरेरेरी सत्र 2ः जल मार्ग की भूमिका बढ़ाने के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास और ब्रेकआउट टेकनिकल भूूिमिका बढा़ ने बुुिनियसुुिविधाओं ें औरैर ब्रेक्रेकआउट टेकेकनिकल सत्र 2ः इनलैण्ैण्ड वैसैसल अधिनियम एवं नियम का आयोजेजन भी किया जाएगा।

इन सत्रों के माध्यम से जलमार्ग प्रणाली के मुख्य लक्ष्यों, संयुक्त सामरिक पहलों, सेक्टर के विकास के लिए नीतियों एवं रणनीतियों, जलमार्ग लॉजिस्टिक्स में आने वाली बाधाओं, इनके समाधान के लिए ज़रूरी हस्तक्षेप तथा सहज कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। भारत सरकार ने समुद्री संबंधो को मजबूत बनाने तथा अन्तर्देशीय जल स्थानान्तरण को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश सरकार के साथ द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। सत्र के दौरान जलमार्गों के विकास और बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता, इस क्षेत्र की तकनीकी चुनौतियों और रखरखाव जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी।

12 अप्रैल को उद्घाटन सत्र के बाद प्लेनेरी सत्र 3ः क्षेत्रीय कारोबार एवं कॉमर्सः मुख्य मुद्दे और हस्तक्षेप का आयोजन होगा। इस मौके पर भारतीय अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के चेयरपर्सन श्री जयंत सिंह और वाईस चेयरमैन भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद ब्रेकआउट टेकनिकल सत्र 3ः जलमार्गों के माध्यम से क्षेत्रीय कारोबार की क्षमताओं का दोहन, प्लेनेरी सत्र 4ः रिवर क्रूज़ पर्यटन और यात्री परिवहन तथा ब्रेकआउट टेकनिकल सत्र 4ः जलमार्गों के माध्यम से भारत-नेपाल के बीच कारोबार के संबंध- का आयोजन होगा।

इन सत्रों के दौरान उद्योग जगत के सदस्यों के प्रस्तावों और सुझावों पर रोशनी डाली जाएगी। विभिन्न तकनीकों के माध्यम से जलमार्गों के उपयोग क्षेत्रीय कारोबार बढ़ाने के लिए करना इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है। सम्मेलन रिवर क्रूज़ पर्यटन, यात्री परिवहन की सुरक्षा जैसे पहलुओं पर रोशनी डालेगा। रिवर क्रूज़ पर घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करना और क्रूज़ पर्यटन को बढ़ावा देना इस सत्र का मुख्य उद्देश्य है।

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